धरती-सा धीरज दिया और आसमान-सी ऊंचाई है,
जिंदगी को तरस के खुदा ने ये तस्वीर बनायी है,
हर दुख वो बच्चों का खुद पर सह लेते हैं,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते हैं.
!! अरविंद ओझा !!
पिता जीवन का वह अनमोल तोहफा है, जिसके अहसास मात्र से हृदय के तार झंकृत हो जाते हैं. एक संपूर्ण व्यक्तित्व, जिसके छांव तले हम अपने को बेहद महफूज महसूस करते हैं. एक पिता बेटी का पहला आदर्श होता है और अपने बेटे का पहला हीरो. एक पिता ही है, जो हमेशा अपने बच्चों के लड़खड़ाते कदमों को संभालने की कोशिश करता है. जो खुद तकलीफ उठाकर अपने बच्चों को दुनियाभर की खुशियां देने का हर संभव प्रयास करता है. अगर आप कभी गलत होते हैं, तो वो आपको सही रास्ता दिखाते हैं. कभी आपके कान खींच कर, तो कभी आपका दोस्त बनकर. वो सारी उम्र न केवल आपका, बल्कि अपने सारे परिवार की खुशियों के लिए चुपचाप कठोर परिश्रम करता है. बिना किसी शिकन, बिना किसी तनाव के. ऐसे ही व्यक्तित्व के सम्मान में आज दुनिया फादर्स डे मना रही है.
फादरहुड को समर्पित दिन
यह पिताओं के सम्मान में मनाया जाने वाला पर्व हैं, जिसमें फादरहुड और समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है. फादर्स डे को शुरू करने का उद्देश्य परवरिश का सम्मान करना था. इसे मदर्स डे का पूरक उत्सव भी माना जाता है. अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है. फादर्स डे सबसे पहले पश्चिम वर्जीनिया के फेयरमोंट में पांच जुलाई 1908 को मनाया गया था. छह दिसंबर 1907 को पश्चिम वर्जीनिया में एक दुर्घटना में मारे गये 210 पिताओं के सम्मान में फादर्स डे का आयोजन ग्रेस गोल्डन क्लेटन नामक महिला ने किया था. इसके बाद से इसे हर साल मनाया जाने लगा. पहली फादर्स चर्च आज भी सेंट्रल यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च के नाम से फेयरमोंट में मौजूद है. 1924 में अमेरिका के राष्ट्रपति कालविन कौलिडज ने फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने की घोषणा की थी. तभी से हर साल लोग इस दिन अपने पापा के दिल में अपने प्रति प्रेम जताने और दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते.
इस अवसर पर दें उन्हें अपना साथ
एक पिता हर दिन अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए मेहनत करता है. इस भागम-भाग में वो अकेले ही लगे रहते हैं, जिसमें वो वंचित रह जाते है आपके स्नेह से, आपके प्यार से. तो इस फादर्स डे पर अपने पापा को भरपूर समय दें. पापा को आज के दिन एक बार हैप्पी फादर्स डे जरूर कहें. समय निकाल कर पिता के साथ बैठें और बात करें. आप देखेंगे कि उनकी बातें, उनकी सोच-अनुभव, बीता हुआ जीवन, उनसे जुड़ी घटनाओं को बताते हुए उनकी आंखें चमक उठती हैं. इनकी ये बातें आपके भी मन को खुश कर देंगी. आप चाहें तो अपने पिता को कोई गिफ्ट दे सकते हैं. उनके साथ कोई इंडोर गेम्स भी खेल सकते हैं. चुपके से उनके दोस्तों को घर पर लंच या डिनर के लिए बुला लें. जब आपके फादर ऑफिस से घर लौटें, तो उन्हें फादर्स डे विश करके हैरान कर दें.