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स्वच्छ भारत के साथ-साथ स्वस्थ भारत का भी हो निर्माण
योग वह स्फूर्ति प्रदान करता है, जिससे मनुष्य का शारीरिक ही नहीं, अपितु बौद्धिक विकास भी होता है.भले ही लोगों के योग करने की शैली भिन्न-भिन्न हो, सबका लक्ष्य यही होता है कि शरीर को कैसे स्वस्थ और बुद्धि को कैसे कुशाग्र बनाया जाए. विरोध की राजनीति में लोग सही गलत में फर्क तक नहीं […]
योग वह स्फूर्ति प्रदान करता है, जिससे मनुष्य का शारीरिक ही नहीं, अपितु बौद्धिक विकास भी होता है.भले ही लोगों के योग करने की शैली भिन्न-भिन्न हो, सबका लक्ष्य यही होता है कि शरीर को कैसे स्वस्थ और बुद्धि को कैसे कुशाग्र बनाया जाए. विरोध की राजनीति में लोग सही गलत में फर्क तक नहीं कर पा रहे हैं. पूरी दुनिया ने जहां योग की अहमियत को समझ कर इसे अंगीकार किया है, वहीं अपने ही देश में योग को धर्म-संप्रदाय के बंधनों में बांध कर हम अपनी मानसिक शून्यता का परिचय दे रहे हैं. हमें यह समझना होगा कि ऐसी राजनीति से न तो देश का भला होगा, न खुद का. आज जरूरत है कि हम सब योग से होने वाले लाभ से जन-जन को अवगत कराएं, ताकि स्वच्छ भारत के साथ-साथ स्वस्थ भारत का भी निर्माण हो सके.
सौरभ पाठक, बुंडू़
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