सूबे में झारखंड पात्रता परीक्षा पास करने के बाद भी उम्मीदवारों के शिक्षक बनने का सपना साकार होते नहीं दिख रहा. ऐसा सिर्फ सरकार की उदासीनता के कारण ही है. परीक्षा पास करने पर लगा कि अब नियुक्ति जल्द हो जायेगी. किंतु सरकार और अधिकारियों की मनसा ही कुछ और है.
मैट्रिक और इंटर के खराब रिजल्ट पर परवाह किसे है? यहां के नेता और मंत्री दूसरी ही दुनिया में लगे हुए हैं. सूबे की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना इनकी प्राथमिकता में शामिल ही नहीं है, तभी तो ये सूबे के सभी कोटि के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रति उदासीन दिख रहे हैं. उम्मीद है कि सरकार सूबे के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए आवश्यक पहल जल्द करेगी.
प्रभात प्रसाद, विष्णुगढ, हजारीबाग