‘वोट करें देश गढ़ें’ नामक ‘प्रभात खबर’ की मुहिम प्रशंसनीय है. पिकनिक मनाने के अवसर तो बहुत आयेंगे, लेकिन लोकतंत्र का यह त्योहार पांच वर्ष में एक ही बार आता है. इस अवसर का हम सभी देशवासी सदुपयोग करें.
मतदान के दिन हमारी निष्क्रियता ही भ्रष्टाचारियों के लिए संजीवनी का काम करती है. अगर आपको सभी पार्टियां/नेता नापसंद हैं, तब भी आप वोट जरूर करें और उसी के लिए वोट करें जो आपको सबसे कम नापसंद हो. अगर आप यह मानते हैं कि आपके एक वोट से कुछ भी बनने-बिगड़ने वाला नहीं है, तो यकीन मानिए कि ऐसा सोचने वाले आप एकमात्र व्यक्ति नहीं होंगे और अगर आपकी पसंद का नेता एक वोट से सीट हार जाता है तो कोई बात नहीं, अगले पांच वर्ष भी व्यवस्था को कोसते हुए निकल ही जायेंगे! अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो बेशक वोट मत दीजिए.
आनंद मिश्र, रांची