चुनाव एक ऐसा कठिन कार्य है जिसके लिए हमें पूरे दिलो-दिमाग से सोचना पड़ता है. इसमें जनता को पूरी आजादी मिलनी चाहिए. हमें नेताओं के पिछले कार्यो के विेषण के आधार पर यह तय करना चाहिए कि किसे वोट देना है.
यह बात तो तय है कि जैसा नेता हम चुनेंगे वैसा ही कार्य होगा. नेताओं को भी चाहिए कि वे जनता से जो वादे करें, उसे पूरा करें. वरना अगले चुनाव में औंधे मुंह गिरना होगा. जनता को भी अपने दिमाग से काम लेना होगा. स्वच्छ छवि वाले और शिक्षित नेताओं को वोट देकर हम अच्छा और विकसित देश गढ़ सकते हैं. नेताओं द्वारा हमें रिझाने के कई हथकंडे अपनाये जायेंगे, जाल फेंके जायेंगे, लेकिन हमें उसी जाल में फंसना होगा जिसमें विकास की महक महसूस हो सके. झूठे, अपराधी और भ्रष्ट नेताओं से हमें दूर रहना होगा, तभी हम अच्छा देश बना पायेंगे.
मिथिलेश कुमार पंडित, भवनाथपुर, गढ़वा