दुमका शहर की विस्तारीकरण में मास्टर प्लान के तहत 32 गांव शहर में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पारित किया गया है. इसको लेकर ग्रामीणों में रोष है तथा वे अपने परंपरागत हथियार तीर-धनुष और नगाड़ा-डुगडुगी लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर चुके हैं. राज्य सरकार जिस ग्राम पंचायत व्यवस्था को सशक्तिकरण के लिए दृढ़संकल्पि रहते हैं, आज उसे नजरअंदाज करने की बात कही जा रही है.
जिस विस्तारीकरण मास्टर प्लान को लेकर ग्रामीण उग्र हैं, क्या ग्राम सभा या पंचायत स्तर से सहमति ली गयी है? लोग जानना चाहते हैं कि विस्तारीकरण से गरीब मजदूरों तथा किसानों को क्या लाभ होगा? क्या विस्तारीकरण के लिए ग्राम पंचायत स्तर से अनापत्ति की आवश्यकता नहीं चाहिए?
नवल किशोर सिंह, पूर्व मुखिया, दुमका