छलका मायावती का दलित प्रेम

मायावती को सहारनपुर में हुए दलितों पर अत्याचार के मामले पर राज्यसभा में निर्धारित समय के बाद बोलने पर टोका गया और रोका गया तो वे नाराज हो गयीं. गुस्से में उन्होंने तुरत ही राज्यसभा से अपना इस्तीफा दे दिया. यूपी विधानसभा में उनकी पार्टी बीएसपी को मात्र 19 सीटें मिली है यानी यूपी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2017 6:47 AM
मायावती को सहारनपुर में हुए दलितों पर अत्याचार के मामले पर राज्यसभा में निर्धारित समय के बाद बोलने पर टोका गया और रोका गया तो वे नाराज हो गयीं.
गुस्से में उन्होंने तुरत ही राज्यसभा से अपना इस्तीफा दे दिया. यूपी विधानसभा में उनकी पार्टी बीएसपी को मात्र 19 सीटें मिली है यानी यूपी की जनता ने उनकी पार्टी को नकार दिया है. वहां की जनता ने मोदी के विकास मॉडल को चुना और जातिवाद वाले समीकरण से ऊपर उठ कर बीजेपी की सरकार के लिए वोट दिया है.
पार्टी की इस करारी हार के बाद अपनी स्थिति को मजबूत करने और जनता के बीच अपने दलित प्रेम को फिर से स्थापित करने के लिए ही मायावती ने ऐसा ड्रामा किया है. ऐसा लगता है कि वे जनता के बीच जातिवाद, भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देना चाहती हैं. इसलिए उन्होंने सामान्य सी बात को इतना तूल दिया है.
कांतिलाल मांडोत, इमेल से

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