कांग्रेस खुद को कम करके न आंकें

जब अरविंद केजरीवाल 25 मार्च को वाराणसी पहुंचे, तो वही हुआ जिसका संदेह था. उनका स्वागत अंडों और काले झंडों से हुआ. इस बार के चुनावों में भारतीय मतदाता अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मतदान करेंगे क्योंकि हर राज्य की परिस्थितियां दूसरे राज्यों की परिस्थितियों से भिन्न हैं. ग्रामीण जनता (गुजरात को छोड़ कर) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2014 4:43 AM

जब अरविंद केजरीवाल 25 मार्च को वाराणसी पहुंचे, तो वही हुआ जिसका संदेह था. उनका स्वागत अंडों और काले झंडों से हुआ. इस बार के चुनावों में भारतीय मतदाता अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मतदान करेंगे क्योंकि हर राज्य की परिस्थितियां दूसरे राज्यों की परिस्थितियों से भिन्न हैं.

ग्रामीण जनता (गुजरात को छोड़ कर) मोदी को जानती ही नहीं है. वह केजरीवाल को भी नहीं जानती है. लेकिन गांधी परिवार का होने की वजह से, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के कारण कुछ हद तक राहुल गांधी को जानती है. इसलिए ग्रामीणा जनता या तो कांग्रेस के नाम पर या मनरेगा के नाम पर या नये भूमि अधिग्रहण कानून के नाम पर या भोजन के अधिकार के नाम पर मतदान करेगी. ये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कुछ भी कर ले, चुनावों में कांग्रेस को कम करके नहीं आंका जा सकता.

भुवन मोहन, हिनू, रांची

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