नेताओं के प्रलोभन में न आयें

राजनीति रूपी खेल के मैदान में भारतीय राजनेता सियासी कबड्डी का खेल बड़ी ईमानदारी के साथ खेल रहे हैं. इससे देश की दुर्गति हो रही है और इसका शायद इन्हें आभास तक नहीं. भोली-भाली जनता को बड़े-बड़े आश्वासन देकर या खिला-पिलाकर अवैध तरीके से वोट को अपने पाले में डलवा लेते हैं. मैं संताल परगना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2014 4:44 AM

राजनीति रूपी खेल के मैदान में भारतीय राजनेता सियासी कबड्डी का खेल बड़ी ईमानदारी के साथ खेल रहे हैं. इससे देश की दुर्गति हो रही है और इसका शायद इन्हें आभास तक नहीं. भोली-भाली जनता को बड़े-बड़े आश्वासन देकर या खिला-पिलाकर अवैध तरीके से वोट को अपने पाले में डलवा लेते हैं. मैं संताल परगना क्षेत्र से हूं, जहां आदिवासियों की प्रमुखता है. यहां लोगों को चुनाव से पहले हड़िया और शराब पिला कर इन्हें लूटने में नेता कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते हैं.

ऐसे नेताओं की बातों में आने से पहले जनता को अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए या कोशिश करनी चाहिए कि इस तरह के नेताओं के बहकावे में न ही आयें जो मुंह में राम बगल में छुरी वाली कहावत को चरितार्थ करते हों. जरा सोचें कि जो नेता चुनाव में आपको लुभाने में पैसे लगा रहा है, वह उसका रिटर्न भी चाहेगा न!

राजीव मुमरू, हंसडीहा, दुमका

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