महारानी लक्ष्मीबाई की कार

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार टॉयलेट को केंद्र में रख कर बनी एक फिल्म को उसका स्टार टाॅयलेट सीट पर बैठ कर प्रमोट कर रहा है. हत्या आधारित किसी फिल्म को प्रमोशन के लिए संभव है कि प्रमोशन के मंच पर एक हत्या ही दिखा दी जाये. बाद में वकील केस लड़ता रहे हत्या का, पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2017 6:28 AM
आलोक पुराणिक
वरिष्ठ व्यंग्यकार
टॉयलेट को केंद्र में रख कर बनी एक फिल्म को उसका स्टार टाॅयलेट सीट पर बैठ कर प्रमोट कर रहा है. हत्या आधारित किसी फिल्म को प्रमोशन के लिए संभव है कि प्रमोशन के मंच पर एक हत्या ही दिखा दी जाये. बाद में वकील केस लड़ता रहे हत्या का, पर पब्लिसिटी इतने लाखों की मिल जायेगी कि हत्या करना सस्ता दिखेगा.
माल बेचने में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए. चाहे जैसे बेचो- ऐतिहासिक फिल्मों का दौर चल रहा है. अतीत के बहुत महत्वपूर्ण योद्धा बाजीराव पेशवा पर फिल्म बनी थी, इसके हीरो रणबीर सिंह थे. रणबीर सिंह हेयर जेल से लेकर एक चाइनीज फोन तक के लिए इश्तिहारों में माडलिंग करते हैं.
रणबीर सिंह अब बाजीराव पेशवा पर बनी फिल्म करें, तो चाइनीज फोनवाले दबाव डाल सकते हैं कि फिल्म में हमारा फोन भी दिखाओ. बाजीराव पेशवा चाइनीज फोन से बातचीत करके ही युद्ध रणनीति के फैसले लेंगे. बाजीराव पेशवा चाइनीज ब्रांड पर निर्भर दीखें, यह बात किसी को गलत लग सकती है.
पर, प्रमोशन में कुछ भी हो सकता है. बाजीराव पेशवा के बारे में बताने को नहीं, माल कमाने के लिए फिल्म बनती है. चाइनीज फूड तक बाजीराव पेशवा को खाना पड़ेगा, वो वाला हेयर जेल भी बाजीराव को लगाना पड़ेगा. धंधे का सवाल है, प्रमोशन करना पड़ेगा जी.
पुरानी फिल्मों की बात करें, तो ‘जेबकटी’ फिल्म का प्रमोशन तब पूरा माना जाता, जब उसके प्रमोशन-इवेंट में गये हर पत्रकार की जेब कट जाती. फिल्म डाकू का प्रमोशन तब कामयाब माना जाता, जब उसके प्रमोशन इवेंट में गये हर पत्रकार को ना सिर्फ लूटा जाता, बल्कि पिटाई भी हो जाती.
वक्त पेचीदा है, बाजीराव हों या शिवाजी, माल बेचना पड़ेगा. माल ही ना बेच पाये, तो काहे के योद्धा. जल्दी ही शिवाजी के परम सहयोगी योद्धा तानाजी पर आधारित फिल्म आयेगी, फिल्म के हीरो अजय देवगन हैं. अजय देवगन पान मसाला की माडलिंग करते हैं. फिल्म में यह भी देखने को मिल सकता है- तानाजी किले पर चढ़ने से पहले फलां पान मसाला खाकर आह्वान कर रहे हैं कि यह पान मसाला हिम्मत देता है.
कुछ तनाव में हूं, जब से सुना है कि फिल्म एक्ट्रेस कंगना रानावत एक फिल्म में योद्धा महारानी लक्ष्मीबाई की भूमिका निभा रही हैं. कंगना एक ज्वैलरी ब्रांड का इश्तिहार भी करती रही हैं. कहीं उस ब्रांड का प्रमोशन भी इस फिल्म में ना हो कि रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का राज फलां ब्रांड में छिपा है. या कोई कार कंपनी अड़ जाये कि महारानी लक्ष्मीबाई को घोड़े पर नहीं, उस कार को चलाना होगा, जिसकी ब्रांड एंबेसडर कंगना रानावत हैं. महारानी लक्ष्मीबाई कार में बैठ कर फलां ब्रांड की ज्वैलरी पहन कर ही युद्ध करेंगी!

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