ऑनलाइन गेम की मॉनिटरिंग होनी जरूरी है
अभी कुछ दिनों पहले ही एक घटना सामने आयी जिसमें एक 14 साल के बच्चे ने किसी ऑनलाइन गेम के प्रभाव में आकर बिल्डिंग से छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली. ऐसे कई गेम बड़े ही आसानी से प्लेस्टोर या दूसरे मार्केटप्लेस पोर्टल पर उपलब्ध है. माता-पिता अपने बच्चों को तब ये मोबाइल देकर उनसे […]
अभी कुछ दिनों पहले ही एक घटना सामने आयी जिसमें एक 14 साल के बच्चे ने किसी ऑनलाइन गेम के प्रभाव में आकर बिल्डिंग से छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली. ऐसे कई गेम बड़े ही आसानी से प्लेस्टोर या दूसरे मार्केटप्लेस पोर्टल पर उपलब्ध है.
माता-पिता अपने बच्चों को तब ये मोबाइल देकर उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं और जाने अनजाने बच्चे ऐसे गेम के चंगुल में फंस जाते हैं. बड़े ही आश्चर्य की बात है कि ऐसे गेम्स कैसे प्लेस्टोर में शामिल हो जाते हैं. गूगल की ऑटोमेटेड सेवाओं में प्लेस्टोर होने का फायदा सिरफिरे डेवलपर उठाते हैं और उलजुलूल कंटेंट को प्रस्तुत करते हैं. अब समय आ गया है कि ऐसे कंटेंट की सरकार की तरफ से मॉनिटरिंग की जाये और इससे सख्ती से निपटा जाये.
नीरज कुमार, इमेल से