संवेदनहीन पुलिस
धनबाद के भूली निवासी शिव सरोज कुमार की आत्महत्या वाकई दिल को झकझोर कर रख दी है. समाज और देश के युवाओं के सामने एक प्रश्न है कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है, कारण चाहे जो भी हो, लेकिन जिन कारणों से आत्महत्या की गयी है, वह वास्तव में हमारे देश समाज और […]
धनबाद के भूली निवासी शिव सरोज कुमार की आत्महत्या वाकई दिल को झकझोर कर रख दी है. समाज और देश के युवाओं के सामने एक प्रश्न है कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है, कारण चाहे जो भी हो, लेकिन जिन कारणों से आत्महत्या की गयी है, वह वास्तव में हमारे देश समाज और शिक्षित नौजवानों के लिए एक बड़ा प्रश्न छोड़ जाती है कि वर्दीधारी और बिना वर्दीधारी गुंडों में क्या फर्क रह गया है?
कोई छोटी-सी घटना से आहत होकर आत्महत्या नहीं कर सकता. इस खबर को पढ़कर लगता है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है. देश के सभी राजनीतिक-सामाजिक नेताओं और मानवाधिकार आयोग जैसे संगठनों को त्वरित कार्रवाई कर न्याय दिलानी चाहिए. पुलिस को संवेदनशील बनाया जाये.
छोटेलाल दास, इमेल से