आज का समाज किधर जा रहा है?

एक फ्लैट में मां की अकेलेपन में हुई मौत. यह बहुत ही अंदर से हिला देने की खबर है. आज के भागदौड़ में अपने बड़े-बूढ़ों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ रहे हैं. ये बुजुर्ग अकेलेपन का शिकार होते हैं व अपने अंतिम दिनों में प्यार के लिए तरसते हैं. उम्र के इस पड़ाव पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2017 6:33 AM

एक फ्लैट में मां की अकेलेपन में हुई मौत. यह बहुत ही अंदर से हिला देने की खबर है. आज के भागदौड़ में अपने बड़े-बूढ़ों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ रहे हैं. ये बुजुर्ग अकेलेपन का शिकार होते हैं व अपने अंतिम दिनों में प्यार के लिए तरसते हैं. उम्र के इस पड़ाव पर जब उन्हें प्यार और देखभाल की जरूरत होती है, तो वो बोझिल क्यों लगने लगते हैं?

इससे उन्हें(बेटों और बेटियों) क्या हासिल होता है? क्या वे नहीं समझते कि वे भी एक दिन इसी अवस्था से गुजरेंगे? यह भी सोचना चाहिए कि हम अपने बच्चों को क्या शिक्षा दे रहे हैं? जैसा वे देखते हैं, वही करते हैं. इस विषय में सरकार को भी संज्ञान लेकर उनके लिए कुछ करना चाहिए.

श्याम मांझी, इमेल से

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