गलतियों से सीखें !
भाजपा को लंबे समय के बाद सत्ता मिली है. भाजपा से जनता को भी बहुत आशाएं हैं. यह अपने ठोस जनवादी कार्यक्रमों से और भी आगे बढ़ सकती है, मगर गोवा ,मणिपुर और बिहार जैसे राज्यों में कुछ अधिक जल्दबाजी से तो इसकी कमजोरी ही झलकती है. अभी गुजरात की घटनाओं से भी अच्छा संदेश […]
भाजपा को लंबे समय के बाद सत्ता मिली है. भाजपा से जनता को भी बहुत आशाएं हैं. यह अपने ठोस जनवादी कार्यक्रमों से और भी आगे बढ़ सकती है, मगर गोवा ,मणिपुर और बिहार जैसे राज्यों में कुछ अधिक जल्दबाजी से तो इसकी कमजोरी ही झलकती है.
अभी गुजरात की घटनाओं से भी अच्छा संदेश नहीं गया है. हरियाणा में वर्णिका कुंडू की ताजा घटना और इससे पूर्व की कुछ अन्य जोड़-तोड़ एवं आवागमन की घटनाओं से भी इसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. जनता बेरोजगारी,भारी जनसंख्या, प्रदूषण और तेजी से बढ़ते जुर्मों-जुल्मों से मुक्ति चाहती है.भाजपा को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि उसका भी अन्य पार्टियों जैसा ही रवैया रहा, तो फिर इसके लिए भी बड़ा संकट सामने है.
वेद प्रकाश, ईमेल से.