अंगदान की मानसिकता बनाएं
भारत में अंगदान की दर बहुत कम हैं. इसकी खास वजह हैं भ्रांतियां. भारत में वैसे मरीजों की फेहरिस्त काफी लम्बी हैं, जो ऐच्छिक अंगदान के लिए वर्षों इंतजार करते हैं और कितने तो दम भी तोड़ देते हैं. हम को यह समझना चाहिए और सिर्फ समझना ही नहीं, बल्कि इसके लिए परिवार के लोगों […]
भारत में अंगदान की दर बहुत कम हैं. इसकी खास वजह हैं भ्रांतियां. भारत में वैसे मरीजों की फेहरिस्त काफी लम्बी हैं, जो ऐच्छिक अंगदान के लिए वर्षों इंतजार करते हैं और कितने तो दम भी तोड़ देते हैं.
हम को यह समझना चाहिए और सिर्फ समझना ही नहीं, बल्कि इसके लिए परिवार के लोगों को तैयार और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी मृत्यु के उपरांत तुरंत संबंधित संस्था को खबर करें. यह बिना परिवार की रजामंदी के असंभव हैं.
आखिर मृत्यु पश्चात ये अमूल्य अंग नष्ट हो जाने हैं. इसलिए इनको नष्ट करने से अच्छा हैं कि इन्हें दान कर दिया जाये. इसके लिए वैसी मानसिकता विकसित करनी होगी.
सीमा साही, बोकारो.