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गांव-गांव में दिखायी जाये फिल्म

शहरों में चल रही फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेमकथा’ सार्थक और सशक्त फिल्म है. इसमें महिलाओं के खुले में शौच और उससे उपजी समस्याओं को रोचक और प्रभावी ढंग से उठाया गया है. इसके लिए फिल्म के निर्माता निर्देशक बधाई के पात्र हैं. परंपरा एवं संस्कृति के नाम पर गलत के साथ समझौता करने पर प्रश्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2017 6:29 AM
शहरों में चल रही फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेमकथा’ सार्थक और सशक्त फिल्म है. इसमें महिलाओं के खुले में शौच और उससे उपजी समस्याओं को रोचक और प्रभावी ढंग से उठाया गया है. इसके लिए फिल्म के निर्माता निर्देशक बधाई के पात्र हैं.
परंपरा एवं संस्कृति के नाम पर गलत के साथ समझौता करने पर प्रश्न उठाया गया है. इस फिल्म को आम जन तक पहुंचाने के लिए वैसे तो अमिताभ और विद्या बालन प्रयासरत हैं, पर जनसंपर्क विभाग द्वारा इस फिल्म को गांव-गांव में दिखाया जाना चाहिए. इसे टैक्स फ्री करना भी जरुरी है. नेताओं और प्रशासकों को इसे जरूर देखना चाहिए. इस फिल्म का व्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसार स्वच्छ भारत के अभियान को बहुत दूर तक ले जा सकता है.
डॉ उषा किरण, रांची

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