हर सरकार का प्रथम दायित्व नागरिकों की जान-माल की रक्षा और कानून व्यवस्था बनाये रखने की होती है, लेकिन हरियाणा सरकार हमेशा जनता के हितों के दायित्वों के निर्वहन में विफल साबित हुई.
2014 में हत्या के आरोपी संत रामपाल की गिरफ्तारी के समय का उपद्रव हो या शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को सीबीआइ कोर्ट द्वारा यौन शोषण के आरोप में दोषी ठहराने के बाद राम रहीम के समर्थकों का उग्रात्मक व हिंसात्मक रूप हो, दोनों घटनाएं प्रशासनिक विफलता का सबसे बड़ा परिणाम है. आंदोलन को हिंसात्मक होने पर पुलिस दनादन लाठियां भांजने से नहीं चूकती, लेकिन शुक्रवार को पुलिस वालों के हाथ किसने बांध रखे थे? इस षडयंत्र में शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी होनी चाहिए.
रेशम मिश्रा, नई दिल्ली