सिर्फ भाषण से नहीं होता काम

पटना की महारैली में विपक्षी एकजुटता का शंखनाद किया गया. लेकिन इस आवाज से जनता कितनी जाग उठेगी, यह तो आनेवाले चुनाव परिणाम ही बतायेंगे. कौन काम करने वाला है और कौन बड़ी-बड़ी बातें कहकर आराम करने वाला है. देश कई सालों से विभिन्न समस्याओं से लड़ रहा है. इसका सीधा असर आम जनता पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2017 6:30 AM

पटना की महारैली में विपक्षी एकजुटता का शंखनाद किया गया. लेकिन इस आवाज से जनता कितनी जाग उठेगी, यह तो आनेवाले चुनाव परिणाम ही बतायेंगे. कौन काम करने वाला है और कौन बड़ी-बड़ी बातें कहकर आराम करने वाला है. देश कई सालों से विभिन्न समस्याओं से लड़ रहा है.

इसका सीधा असर आम जनता पर होता है. आदमी बूढ़ा हो जाता है, लेकिन समस्याएं उसका पीछा नहीं छोड़ती. आखिर कब तक इन समस्याओं से जनता को लड़ना पड़ेगा? रैलियां करने से आम जनता की समस्याएं नहीं खत्म होनेवाली हैं. जनता का विश्वास समस्याएं छुड़ाने के लिए दिखाई जाने वाली सक्रियता पर है, न कि किसी भी दल की रैली और नेताओं के भाषणों पर है.

जयेश राणे, मुंबई, इमेल से

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