एआइडीएमके का भविष्य

लगता है कि विद्रोह, विभाजन, विलय उसके बाद पुनः विद्रोह ही एआइएडीएमके का भविष्य है. एमजीआर की विरासत को जयललिता ने सफलतापूवर्क आगे बढ़ाया था. उनके देहांत के बाद, पार्टी खात्मे की ओर बढ़ रही है. शशिकला के जेल जाने के बाद से ही विधायक एवं नेता मां-बेटे के विरोध एवं समर्थन में गोलबंद होते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2017 6:30 AM
लगता है कि विद्रोह, विभाजन, विलय उसके बाद पुनः विद्रोह ही एआइएडीएमके का भविष्य है. एमजीआर की विरासत को जयललिता ने सफलतापूवर्क आगे बढ़ाया था. उनके देहांत के बाद, पार्टी खात्मे की ओर बढ़ रही है.
शशिकला के जेल जाने के बाद से ही विधायक एवं नेता मां-बेटे के विरोध एवं समर्थन में गोलबंद होते रहे. इसी कमजोरी का फायदा उठाकर बीजेपी तमिल राजनीति में कूदने को उत्सुक है. पलानीस्वामी एवं पनीरसेल्वम, एक-एक कर मोदी के दरबार में हाजिरी लगा रहे है. आज बीजेपी एक बड़े शार्क के रूप में क्षेत्रीय पार्टियों को निगलने का काम कर रही है. बिहार में उसने जदयू को खाया. अब दक्षिण में एमजीआर की विरासत को खत्म करने में लगी है.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी

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