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कोठियों से मुल्क का मयार न आंकें

प्रभात खबर में पांच अप्रैल 2014 के अंक में प्रकाशित रामबहादुर राय का लेख ‘गुजरात ने परखा, देश को परखना बाकी’ कहता है कि ‘मोदी को समझना है तो सबसे पहले पूर्वाग्रह से बाहर निकलना होगा’. लेखक ने औरों की तरह गुजरात के विकास का श्रेय सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी को दिया है. शायद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2014 6:02 AM

प्रभात खबर में पांच अप्रैल 2014 के अंक में प्रकाशित रामबहादुर राय का लेख ‘गुजरात ने परखा, देश को परखना बाकी’ कहता है कि ‘मोदी को समझना है तो सबसे पहले पूर्वाग्रह से बाहर निकलना होगा’. लेखक ने औरों की तरह गुजरात के विकास का श्रेय सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी को दिया है. शायद वह गुजरात के विकास की हकीकत से वाकिफ नहीं हैं. वैसे भी, किसी भी राज्य के कुछ खास या शहरी क्षेत्र के विकास से पूरे राज्य का विकास नहीं आंका जा सकता.

‘कोठियों से मुल्क के मयार को मत आंकिए, असली हिंदुस्तान तो बस गांव में आबाद है’. मेरा सुझाव है कि रामबहादुर जी प्रभात खबर में 19 मार्च 2014 को छपे उर्मिलेश जी के लेख को पढ़ें, जिसमें वर्तमान गुजरात की हकीकतों के अलावा लिखा है कि ‘गुजरात पहले से ही विकास दर में देश के समुन्नत राज्यों में शामिल रहा है.’

मोहम्मद सलीम, बरकाकाना

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