सेना में दुर्घटनाएं चिंताजनक
भारतीय वायुसेना के सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस मालवाहक विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना बेहद खेदजनक घटना है. लेकिन इसे सामान्य दुर्घटना की तरह नहीं लिया जा सकता. पिछले कुछ समय में नौसेना में एक के बाद एक दुर्घटनाएं घटीं. सिंधुरक्षक पनडुब्बी का हादसा, मुंबई बंदरगाह में युद्धपोत में आग लगना, विशाखापत्तनम में पनडुब्बी में हाइड्रोप्रेशर परीक्षण […]
भारतीय वायुसेना के सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस मालवाहक विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना बेहद खेदजनक घटना है. लेकिन इसे सामान्य दुर्घटना की तरह नहीं लिया जा सकता. पिछले कुछ समय में नौसेना में एक के बाद एक दुर्घटनाएं घटीं. सिंधुरक्षक पनडुब्बी का हादसा, मुंबई बंदरगाह में युद्धपोत में आग लगना, विशाखापत्तनम में पनडुब्बी में हाइड्रोप्रेशर परीक्षण के दौरान दुर्घटना, ये तमाम घटनाएं अल्प अंतराल में घटीं.
इनके प्रभाव से अभी निकला नहीं जा सका था कि वायुसेना के उस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सामने आयी, जिस पर काफी भरोसा जताया गया था. मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ और आशंका जतायी गयी कि पहाड़ी से टकराने पर यह हादसा हुआ.
इसमें पांच वायुसेना अधिकारियों की मौत हो गयी और चंबल नदी में बचाव कार्य के लिए उतरे लोगों में एक नौजवान मगरमच्छ का शिकार हो गया. वायुसेना अधिकारियों का मानना है कि विमान पहाड़ी से टकरा नहीं सकता, क्योंकि वह लगभग एक हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था. क्या इसके कल-पुरजों में कोई खराबी थी, या यह कोई साजिश थी.
भारत की दिनोंदिन बढ़ती सैन्य ताकत से सभी परिचित हैं. अमेरिका, रूस, फ्रांस जैसे देशों से बड़े स्तर पर सामरिक सौदे होते हैं. भारत रक्षा उपकरणों का एक बड़ा ग्राहक है और हर साल हमारे रक्षा बजट में बढ़ोतरी की जाती है. एक ओर हम अपने सुदृढ़ रक्षातंत्र पर गर्व करते नहीं थकते हैं और दूसरी ओर ऐसी दुर्घटनाएं घट रही हैं, जो इस तंत्र में सेंध लगाती प्रतीत होती हैं. आशंका होती है कि कहीं आम चुनावों के पहले हो रहीं ये दुर्घटनाएं किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं, जिनसे भारत को कमजोर करने की कोशिश की जा रही हो.
अनिल सक्सेना, जमशेदपुर