कट्टरवाद की ओर बढ़ता देश

जिस तरह से वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मार कर हत्या कर दी गयी है, यह दर्शाता है कि हम कितने कट्टरवाद और संकुचित विचारों की तरफ बढ़ गये हैं. महात्मा गांधी कहा करते थे कि जो देश स्वतंत्र विचारों को ग्रहण नहीं कर सकता है, वह समाज मर गया है. गौरी लंकेश की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2017 6:35 AM
जिस तरह से वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मार कर हत्या कर दी गयी है, यह दर्शाता है कि हम कितने कट्टरवाद और संकुचित विचारों की तरफ बढ़ गये हैं. महात्मा गांधी कहा करते थे कि जो देश स्वतंत्र विचारों को ग्रहण नहीं कर सकता है, वह समाज मर गया है. गौरी लंकेश की हत्या जैसी कायरतापूर्ण घटना से ऐसा लगता है कि भारतीय समाज मर गया है या बीमार हो गया है.
आजकल के पत्रकार और मीडिया सरकार के पिछलग्गु बन गये हैं और जो नहीं बन रहा है, उसको दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है. यह स्थिति वाकई चिंताजनक है. इस तरह की घटनाओं से आम लोगों की आवाज को बंद नहीं किया जा सकता. अब देर किये बिना सोचने की जरूरत है कि हमको अब किस दिशा में जाना है?
शोभनाभ कुमार, रांची, ईमेल से

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