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उत्तर कोरिया और प्रतिबंध का खेल
वर्ष 2006 से आजतक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा उत्तर कोरिया पर नौ बार प्रतिबंध लगाया गया. हर बार कहा गया कि यह सर्वसम्मत से लिया गया कठोरतम प्रतिबंध है.मजे की बात है कि हर प्रतिबंध के बाद भी उत्तर कोरिया प्रक्षेपास्त्रों एवं बमों का परीक्षण करता रहा है. एक बार फिर अमेरिका द्वारा तैयार […]
वर्ष 2006 से आजतक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा उत्तर कोरिया पर नौ बार प्रतिबंध लगाया गया. हर बार कहा गया कि यह सर्वसम्मत से लिया गया कठोरतम प्रतिबंध है.मजे की बात है कि हर प्रतिबंध के बाद भी उत्तर कोरिया प्रक्षेपास्त्रों एवं बमों का परीक्षण करता रहा है. एक बार फिर अमेरिका द्वारा तैयार प्रतिबंध के मसौदे पर सभी 15 सदस्यों ने हस्ताक्षर किये, जिसमें रूस एवं चीन भी शामिल है.
तेल आयात को सीमित कर देने तथा वहां से कपड़े के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देने से शायद ही प्योंगयांग को कोई फर्क पड़े. उसके पीछे चीन एवं रूस खड़े हैं. दोनों देश चोरी छिपे उसे रसद एवं अन्य मदद पहुंचा रहे हैं. सुरक्षा परिषद् के 13 सदस्यों के पास हिम्मत नहीं कि रूस और चीन को कठघरे में खड़ा कर सके. इसलिए इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं पड़ने वाला है.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से
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