वाह रे खेल और खेलप्रेमी!

दो विश्व कप का खिताब जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले और कभी भारतीय क्रि केट के भावी ‘महाराज’ माने जानेवाले युवराज से आज क्रि केट प्रेमी इतने नाराज हैं कि उनके घर पर पत्थर मार रहे हैं. यह कैसी मानसिकता है इन तथाकथित खेल प्रशंसकों की! खेल को खेल भावना से इस कदर ऊपर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2014 3:53 AM

दो विश्व कप का खिताब जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले और कभी भारतीय क्रि केट के भावी ‘महाराज’ माने जानेवाले युवराज से आज क्रि केट प्रेमी इतने नाराज हैं कि उनके घर पर पत्थर मार रहे हैं. यह कैसी मानसिकता है इन तथाकथित खेल प्रशंसकों की! खेल को खेल भावना से इस कदर ऊपर ले जाना, क्या सकारात्मक संकेत है? शायद नहीं.

यह सच है कि भारतीय टीम की पराजय में किसी हद तक युवराज की धीमी पारी एक कारण है, लेकिन सिर्फ उनको ही गलत ठहराना क्या जायज है, जबकि धोनी खुद भी मलिंगा के आखिरी ओवर में रन नहीं जुटा पाये? शायद यह कहना ज्यादा न्यायसंगत होगा कि श्रीलंका ने भारत से बेहतर खेल दिखाया. अत: खेल प्रेमियों को खेल भावना का आदर करते हुए वैसी मानसिकता का त्याग करना चाहिए, जो खेल और खिलाड़ियों को आहत करती हो.

महेंद्र कुमार महतो, नावागढ़

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