केजरीवाल पर एक बार फिर हमला किया गया. यह घटना काफी निंदनीय है और लोकतंत्र के विचारों के अनुकूल नहीं है. हर थप्पड़ प्रकरण के बाद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के समर्थकों के द्वारा भाजपा पर आरोप लगाया जाना भी कहीं से भी जायज नहीं है.
केजरीवाल को प्रसिद्ध करने में मीडिया का काफी योगदान रहा है. आजकल उनकी प्रसिद्धि में थोड़ी कमी जरूर आयी है और थप्पड़ प्रकरण करवा कर भाजपा कभी नहीं चाहेगी कि केजरीवाल को प्रकाश में लायें और उन्हें मीडिया कवरेज दिलायें.
आम आदमी पार्टी के अनुभवी नेताओं की यह एक चाल है, ताकि केजरीवाल को ज्यादा मीडिया फुटेज मिले. हर थप्पड़ मारनेवाले को इतनी बुरी तरह से पीटा जाता है कि उसे अस्पताल में भरती होना पड़ता है. केजरीवाल खुद को अहिंसावादी बताते हैं, पर उनके समर्थक हिंसक क्यों हैं?
अनंत कुमार, कोलकाता