छात्रों का हित सोचें

अजीब विडंबना है कि झारखंड में छात्रों के पास परीक्षा में बैठने का ठौर-ठिकाना नहीं होता है. यहां नियुक्तियां साल-सालभर तक लटकी रहती हैं, लेकिन अब नियुक्ति करनेवाले बोर्ड सक्रिय हो गये हैं. बेशक, यह स्वागत योग्य कदम है, लेकिन इनके एकाएक सक्रिय हो जाने की वजह से इसका खामियाजा भी झारखंडी छात्रों को ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2017 6:08 AM
अजीब विडंबना है कि झारखंड में छात्रों के पास परीक्षा में बैठने का ठौर-ठिकाना नहीं होता है. यहां नियुक्तियां साल-सालभर तक लटकी रहती हैं, लेकिन अब नियुक्ति करनेवाले बोर्ड सक्रिय हो गये हैं.
बेशक, यह स्वागत योग्य कदम है, लेकिन इनके एकाएक सक्रिय हो जाने की वजह से इसका खामियाजा भी झारखंडी छात्रों को ही भुगतना पड़ेगा. एक तरफ जेपीएससी की परीक्षा सात से 11 नवंबर तक प्रस्तावित है, वहीं दूसरी तरफ जेएसएससी की परीक्षा 29 अक्तूबर से 26 नवंबर तक ली जायेगी. ऐसे में बहुत सारे छात्रों का कोई एक एक्जाम छूट जायेगा और फिर बाहरी छात्र इस मौके को भुना लेंगे. इस बारे में सरकार को छात्रों के हित में ठोस कदम उठाना चाहिए.
शाहिद राज, रांची

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