किताबों की व्यवस्था
कटिहार इंजीनियरिंग कॉलेज में तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई बहुत पहले ही शुरू हो गयी है लेकिन जब भी किताबों के विषय में कॉलेज प्रबंधन से बात होती है तो उनके द्वारा कहा जाता है कि किताबें मंगायी जा रही है. गरीब छात्रों को पढ़ने के लिए किताबें अब कहां से मिलेगी, समझ में नहीं आ […]
कटिहार इंजीनियरिंग कॉलेज में तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई बहुत पहले ही शुरू हो गयी है लेकिन जब भी किताबों के विषय में कॉलेज प्रबंधन से बात होती है तो उनके द्वारा कहा जाता है कि किताबें मंगायी जा रही है.
गरीब छात्रों को पढ़ने के लिए किताबें अब कहां से मिलेगी, समझ में नहीं आ रहा. हमारे पाठ्यक्रम में सात विषय हैं. इन विषयों की किताबों की कीमत लगभग 2500 रुपये है. यहां कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया भी सुस्त पड़ी है. अगर बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज की यही हालत रही, तो आनेवाले वर्षों में इसका खामियाजा छात्राें को ही भुगतना पड़ सकता है. उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि सरकार इस पर ध्यान देगी और गरीब बच्चों की मदद करेगी.
कुमार राजा, इमेल से