स्वस्थ लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी बहुत जरूरी है. राष्ट्रहित में पत्रकार इसे करते आ रहे हैं. लोकतंत्र के सशक्त प्रहरी पत्रकारों पर हमला होना बड़े शर्म, दुःख, दुर्भाग्य और चिंता की बात है.
पिछले कुछ समय से इनप रकातिलाना हमला निरंतर जारी हैं. इसी दुर्भाग्यपूर्ण सिलसिले में कर्नाटक में प्रख्यात पत्रकार गौरी लंकेश की निर्मम हत्या के बाद हिमाचल में और इससे पूर्व भी अन्य जगहों पर लोकतंत्र के जागरूक प्रहरियों की दुखद हत्या हो चुकी है जिससे पूरा देश हिल उठा है. लोकतंत्र में इससे बड़ी शर्मसार करने वाली दुखद घटना और अन्य कोई हो नहीं सकती है. लोकतंत्र और देश की रक्षा में ऐसी घटनाओं का कहीं कोई स्थान नहीं है. इसलिए इन्हें रोकना बहुत जरूरी है.
वेद मामूरपुर ,नरेला