गांवों से शहर : एक चुनौती

खुली अर्थव्यवस्था और आधुनिकता के दौर में ग्रामीण शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसका खामियाजा शहर और गांव दोनों को भुगतना पड़ रहा है. गांव से पलायन के कारण कृषि की स्थिति खराब होती जा रही है. इसकी वजह से शहर में जनसंख्या और प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है. बड़े शहरों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2017 6:08 AM
खुली अर्थव्यवस्था और आधुनिकता के दौर में ग्रामीण शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसका खामियाजा शहर और गांव दोनों को भुगतना पड़ रहा है. गांव से पलायन के कारण कृषि की स्थिति खराब होती जा रही है. इसकी वजह से शहर में जनसंख्या और प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है.
बड़े शहरों का आलम है कि आदमी कम और गाड़ियां अधिक दिखाई देती हैं. सबसे बड़ी समस्या खाद्य पदार्थों की बढ़ती कमी है. कृषि की उपज में कमी आ रही है. अगर समय रहते इस समस्या का निदान नहीं किया गया, तो गांव की जमीन बंजर होने लगेगी, न तो खाने का अन्न होगा और न ही पीने का पानी. इसलिए सरकार को चाहिए कि गांव के लोगों को उनके मुख्यधारा से जोड़े रखने के लिए प्रयास करे.
अभिषेक रंजन, बरही, हजारीबाग

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