भावनाएं सबके लिए एक हो
विश्व में रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मानवाधिकारों की भी दुहाई दी जा रही हैं. पर कुछ दिन पहले ही म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की आबादी वाले क्षेत्र में एक दूसरे समुदाय के लोगों के सामूहिक नरसंहार की खबर आयी है. उस नरसंहार में परिवार के परिवार साफ कर दिये […]
विश्व में रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मानवाधिकारों की भी दुहाई दी जा रही हैं. पर कुछ दिन पहले ही म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की आबादी वाले क्षेत्र में एक दूसरे समुदाय के लोगों के सामूहिक नरसंहार की खबर आयी है. उस नरसंहार में परिवार के परिवार साफ कर दिये गये. अभी उनकी सड़ी -गली लाशें निकल रही हैं.
उनको देख कर साफ प्रतीत होता हैं कि उन्हें सिर्फ मारा नहीं गया था बल्कि मारने से पहले उन्हें नृशंसतापूर्वक प्रताड़ित भी किया गया था. क्या उनके कोई मानवाधिकार नहीं थे? पूरे विश्व समुदाय में कहीं कोई हलचल सुनाई नहीं दी. मीडिया ने भी इनकी तरफ ध्यान नहीं दिया और सब खामोशी से हो गया. हर समुदाय के लिए समान भावनाएं होनी चाहिए.
सीमा साही, बोकारो