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स्वच्छता का दायरा

स्वच्छता का ​दायरा सिर्फ सड़कों पर झाड़ू ​लगाने तक ही नहीं है. ​यह जल, थल और वायु की सफाई तक जाता है. ​प्रधानमंत्री ​के स्वच्छता अभियान में शौचालयों के निर्माण ​और नदियों की सफाई ​एक अच्छा कदम है. ​सफाई ​के ​औचक निरीक्षणों ​से विभागों में भी काफी असर है. ​ दशहरे और दिवाली जैसे पर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2017 6:38 AM

स्वच्छता का ​दायरा सिर्फ सड़कों पर झाड़ू ​लगाने तक ही नहीं है. ​यह जल, थल और वायु की सफाई तक जाता है. ​प्रधानमंत्री ​के स्वच्छता अभियान में शौचालयों के निर्माण ​और नदियों की सफाई ​एक अच्छा कदम है. ​सफाई ​के ​औचक निरीक्षणों ​से विभागों में भी काफी असर है. ​

दशहरे और दिवाली जैसे पर्व पर आतिशबाजी से न जाने कितनी वायु, ध्वनि और​ ​धरती पर न जाने कितना प्रदूषण और जान-माल की ​​हानि होती है, शायद किसी को अंदाज ही नहीं है. फूटपाथ में लगे टाइल के गैपों ​में भी ​घास उग​ने से झाड़ू भी ठीक से नहीं लग​​ती. इसलिए ​इनकी जगह तो ​सीमेंट का ​​फर्श ही ​बेहतर है क्योंकि उसमें ये कमियां नहीं हैं. अभी केंद्र की डीडीए और दिल्ली सरकार इस कार्य को ​धड़ल्ले से कर रही हैं जिसे ठीक करने की जरूरत है.

​वेद मामूरपुर, नरेला

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