गांधी दर्शन विश्व से कभी मिट नहीं सकता

भारतीय इतिहास में दो अक्तूबर का दिन महत्वपूर्ण है. आज के दिन जिस महापुरुष ने जन्म लिया वह साधारण मानव ही था, परन्तु उस दुबली पतली सी काया में असाधारण आत्मबल,अद्भुत मनोबल का एक पूंजीभूत प्रकाश छिपा था, जिसने दासता, दुर्बलता, अज्ञान और अशिक्षा के अंधकार को चीर कर स्वाधीनता अहिंसा और देश प्रेम का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2017 6:38 AM
भारतीय इतिहास में दो अक्तूबर का दिन महत्वपूर्ण है. आज के दिन जिस महापुरुष ने जन्म लिया वह साधारण मानव ही था, परन्तु उस दुबली पतली सी काया में असाधारण आत्मबल,अद्भुत मनोबल का एक पूंजीभूत प्रकाश छिपा था, जिसने दासता, दुर्बलता, अज्ञान और अशिक्षा के अंधकार को चीर कर स्वाधीनता अहिंसा और देश प्रेम का आलोक भर दिया.
भारतीय जीवन के सुप्त आत्मविश्वास को जगा दिया. उसने सिद्ध कर दिया की हिंसा,आतंक ,लूट और भय के आधार पर टिकी सत्ता, बंदूक, तलवार और बमों के बल पर भोली प्रजा का शोषण करने वाली विदेशी ताकत अहिंसा और सत्य, देशप्रेम और आत्म -बलिदान की महाशक्ति के समक्ष टिक नहीं सकती. गांधीजी का जीवन एक प्रेरणा स्त्रोत है. उनके विचार व दर्शन कभी मिट नहीं सकता.
कांतिलाल मांडोत, इमेल से

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