विश्व जनमत को ईमानदारी से सोचना होगा

लास वेगास की घटना को विश्व जनमत को धार्मिक साम्राज्यवादियों की ओर से अंतिम चेतावनी के रूप में समझना चाहिए. खासकर अमेरिका और सभी यूरोपीय देश जो खुद को विकसीत देश और शक्तिशाली समझते आ रहे हैं. इन देशों में लोकतांत्रिक मूल्यों और आतंकवाद को परिभाषित करने के लिए दोहरे मापदंड अपनाने की परंपरा अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2017 7:05 AM
लास वेगास की घटना को विश्व जनमत को धार्मिक साम्राज्यवादियों की ओर से अंतिम चेतावनी के रूप में समझना चाहिए. खासकर अमेरिका और सभी यूरोपीय देश जो खुद को विकसीत देश और शक्तिशाली समझते आ रहे हैं.
इन देशों में लोकतांत्रिक मूल्यों और आतंकवाद को परिभाषित करने के लिए दोहरे मापदंड अपनाने की परंपरा अब भी जारी है. स्पष्ट है कि पश्चिमी देशों को लोकतंत्र या राजतंत्र से कोई लेना-देना नहीं है.
लास वेगास घटना से आतंकवादियों को फिर एक नया रास्ता दिखा दिया है, जो चिंता की बात है. सबसे बड़ी जरूरत इस बात की है कि इसके लिए जिम्मेवार मनोवृति का सफाया किया जाये. विश्व जनमत को धार्मिक कट्टरवाद के मुद्दे पर अब ईमानदारी से सोचकर कड़े कदम उठाने होंगे, अन्यथा बहुत देर हो जायेेगी.
लोकेश कुमार, धनबाद

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