अनमोल र-थे बाबा साहब

14 अप्रैल बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का जन्मदिन है. उनकी जन्मतिथि पर जरा सोचें कि आज अगर वह जिंदा होते, तो अपनी मान्यताओं, विचारों व स्थापनाओं की रक्षा के लिए, उन्हें किन-किन शक्तियों से जूझना पड़ता. वे अपने जीवन के अंतिम दिनों में कहते भी थे कि मुङो सबसे ज्यादा शिकायत उन अपने ही लोगों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2014 3:14 AM

14 अप्रैल बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का जन्मदिन है. उनकी जन्मतिथि पर जरा सोचें कि आज अगर वह जिंदा होते, तो अपनी मान्यताओं, विचारों व स्थापनाओं की रक्षा के लिए, उन्हें किन-किन शक्तियों से जूझना पड़ता.

वे अपने जीवन के अंतिम दिनों में कहते भी थे कि मुङो सबसे ज्यादा शिकायत उन अपने ही लोगों से है जिन्होने मेरी बातों को या तो नजरअंदाज किया या फिर मुङो केवल पूजने के लिए प्रतिमा बना दिया. ऐसी धारणा है कि बाबासाहेब ने केवल दलित उत्थान के लिए कार्य किया, जबकि सच यह है कि उन्होंने समूचे समाज की समानता, प्रगतिशीलता और मानवीयता के लिए अपना जीवन लगा दिया. उनके मन में भारतीय राष्ट्रवाद स्पष्ट था. भाषाई प्रांतों के विरोधी बाबासाहेब का कहना था कि यह आगे चल कर क्षेत्रवाद और देश के विभाजन के कारण बन सकता है.

अनिल सक्सेना, जमशेदपुर

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