जीवनदायनी को जीवन

हमारे यहां नदियों को जीवनदायिनी कहा जाता हैं, पर जीवन देनेवाली ये नदियां ही घोर संकट के दौर से गुजर रहीं हैं. छोटी और बरसाती नदियों की बात छोड़िए, बड़ी नदियों के भी हालात बहुत बुरे हैं. उनका लगभग 40% पानी कम हो गया हैं. इसके लिए हम जिम्मेदार हैं. अब यह तो हो नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2017 6:23 AM
हमारे यहां नदियों को जीवनदायिनी कहा जाता हैं, पर जीवन देनेवाली ये नदियां ही घोर संकट के दौर से गुजर रहीं हैं. छोटी और बरसाती नदियों की बात छोड़िए, बड़ी नदियों के भी हालात बहुत बुरे हैं. उनका लगभग 40% पानी कम हो गया हैं. इसके लिए हम जिम्मेदार हैं.
अब यह तो हो नहीं सकता हैं कि नदियों को प्रदूषित करें हम और उन्हें साफ करने के लिए किसी दूसरे ग्रह से कोई प्राणी आये. इस विषय पर पहले ही बहुत सोचा जा चुका हैं, धरातल पर हुआ कुछ नही हैं. हम नदियों को अतिक्रमण से दूर रखें. कारखानों का दूषित पानी उनमें सीधे न मिलाएं. नदियों के दोनों ओर के क्षेत्रों में पेड़ लगाएं. जब हम नदियों को बचा पायेंगे, तभी हमारे अस्तित्व बने रह सकेंगे.
सीमा साही ,बोकारो

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