25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इतना सोना, कितना सोना

आलोक पुराणिक व्यंग्यकार सरकार ने अब 50,000 रुपये से ज्यादा का सोना लेने पर पैन कार्ड की बंदिश हटा दी है. इस कदम के बाद केंद्रीय सोना सेलर्स एसोसिएशन द्वारा सोना विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विजेता निबंध इस प्रकार है- सोने का घणा सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व है. कर्मठ […]

आलोक पुराणिक

व्यंग्यकार

सरकार ने अब 50,000 रुपये से ज्यादा का सोना लेने पर पैन कार्ड की बंदिश हटा दी है. इस कदम के बाद केंद्रीय सोना सेलर्स एसोसिएशन द्वारा सोना विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विजेता निबंध इस प्रकार है- सोने का घणा सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व है. कर्मठ बंदे बहुत काम करके इतना कमा लेते हैं कि ठीक-ठाक मात्रा में सोना लेने के काबिल हो जाते हैं.

अ-कर्मठों को सोना सहज उपलब्ध होता है, वो जब चाहे सोना अफोर्ड कर सकते हैं. वो जब चाहे सो सकते हैं. इस तरह हम देख सकते हैं कि सोना समाजवादी टाइप है, सबको सहज उपलब्ध- कर्मठ को भी और अ-कर्मठ को भी. यही सोने के महत्व का सामाजिक आयाम है.

सोने के भावों पर सरकार बहुत चिंतित रहती है, ऐसी चिंताएं आम तौर पर टमाटर और आलू के भावों पर नहीं दिखायी जातीं. सोने के कारोबारियों को सोने से बहुत ही लगाव होता है, आलू किसान आलू के भाव गिरने पर आलू को सड़क पर फेंक के चले जाते हैं. ऐसा कभी भी सोने के मामले में देखने में नहीं आता. कुल मिलाकर उस मुल्क के किसान के लिए संदेश है कि अगर सोने का कारोबार कर लो, तो फिर सड़क पर अपने आइटम फेंकने की नौबत न आयेगी.

इसकी एक वजह यह है कि सोने का चरित्र ग्लोबल है, हालांकि कुछ इसके ग्लोबल होने को इसके तस्कर-प्रिय होने से भी जोड़ते हैं. पर, हमें यह समझना होगा कि तस्करों में ग्लोबल भावना कूट-कूट कर भरी होती है. वो सार्वभौमिक विचार के लोग होते हैं, जो दुनिया को देशों की सीमाओं में बांटने से इनकार कर देते हैं. वो दुबई का सोना दल्लूपुरा लाने का ग्लोबल विचार रखते हैं.

तस्करों और फिल्मवालों ने सोने से खूब कमाया है. कई फिल्मों के नाम ही सोने पर रखे गये- काला सोना, सोना चांदी वगैरह. सोने का गहरा सांस्कृतिक महत्व है. सोना कितना सोना है सोने जैसा मेरा तन- जैसे अमर गीतों के मूल में प्रेरक तत्व सोना है. ओ मेरे सोना रे सोना- गीत भी सोने के अपार सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करता है.

इस गीत में अपने प्रेमी को सोना कहा गया है. कामना की गयी है कि प्रेमी सोने जैसा हो, कीमती हो, पर चुप हो. ज्यादा चकर-चकर न करे, बस खर्च करने के काबिल हो. आदर्श प्रेमी के गुण बतानेवाला यह गीत हमारे वक्त की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसका मूल सोने में ही है.

सोने ने हमारे सांस्कृतिक जगत को बहुत दिया है. प्राचीन फिल्मों में लायन नाम का तस्कर अपनी सहयोगी मोना को अरबों का सोना लेकर देश के बाहर हेलीकॉप्टर में उड़ने के निर्देश देता था. सोने के बगैर लायन या मोना का अस्तित्व संभव नहीं था. इस तरह हम देख सकते हैं कि सोने ने भारतीय फिल्मों को बहुत कुछ दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें