स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हर सरकार प्रयास करती रही है और वादे होते रहे हैं, मगर 70 साल बाद भी हालात सुधरने कली बजाय खराब होते गये हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह योग्य शिक्षकों का अभाव है. सभी राज्यों में करीब-करीब यही स्थिति है. भोपाल के स्कूलों में पढ़ा रहे लगभग 35 हजार शिक्षक ग्रेजुएट नहीं है.
उनको ग्रेजुएट बनाने के लिए राज्य सरकर ने वन स्टेप अप योजना की शुरुआत की है. केंद्र की मोदी सरकार के देश के विकास का सपना भी तभी पूरा होगा, जब शिक्षा के स्तर में ठोस गुणात्मक सुधार हो और इसके लिए स्कूलों में योग्य शिक्षकों की बहाली जरूरी है. तभी रोजगारोन्मुखी युवा पीढ़ी तैयार होगी.
– कांतिलाल मांडोत, सूरत.