सेना की तरफ ध्यान दे केंद्र
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पहली बार वायुसेना का सबसे बड़ा अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. वायुसेना के जवान और लड़ाकू विमान दुश्मन के साथ लड़ने के लिए किस तरह तैयार हैं, यह पूरी दुनिया ने देख लिया है. वायुसेना के जांबाज किसी भी कठिन परिस्थिति में दुश्मन से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं, लेकिन इस साल […]
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पहली बार वायुसेना का सबसे बड़ा अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. वायुसेना के जवान और लड़ाकू विमान दुश्मन के साथ लड़ने के लिए किस तरह तैयार हैं, यह पूरी दुनिया ने देख लिया है.
वायुसेना के जांबाज किसी भी कठिन परिस्थिति में दुश्मन से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं, लेकिन इस साल वायुसेना के कई लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हुई हैं. सैनिकों को जो भी साधन मुहैया कराये जाते हैं, उनके साथ ही वे लड़ने को तैयार रहते हैं और अपना शत-प्रतिशत देते है. स्पष्ट है कि सैनिकों में कोई भी कमी नहीं है. इनको नये व आधुनिक तकनीक वाले साधन मुहैया करा दिये जाएं, तो इनकी शक्ति दोगुनी हो जायेगी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय पर विशेष ध्यान देना जरूरी है.
जयेश राणे, मुंबई, इमेल से