आज हमारे देश में ट्रैफिक की समस्या विकराल हो गयी हैं. हर दिन एक्सीडेंट में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं. गाड़ी चलाने के मामले में हम अपनी जिम्मेदारी तो नहीं निभाते हैं, सामनेवाले पर दोषारोपण ही करते हैं.
हमारी एक और आदत हो गयी हैं. वह है हर चीज के लिए सरकार को दोषी ठहराना. यह सही हैं कि बड़े और कड़े फैसले लेने के लिए सरकारें होती हैं, पर ट्रैफिक नियमों का पालन करना तो पूरी तरह से हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए सरकार के सड़क पर आने की अपेक्षा हमें नहीं करनी चाहिए. कई दूसरे देशों ने इस मामले में नजीर पेश किये हैं, मगर हम निगेटिव चीजें तो बहुत जल्दी सीख लेते हैं, पर सकारात्मक चीजों के प्रति हमारी सोच अक्सर उदासीन रहती है, जबकि जरूरत इस बात की है कि हमें उनसे सीखना चाहिए.
सीमा साही, बोकारो.