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चीन समझे, यह युद्ध नहीं, शांति का है युग
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं महासभा में राष्ट्रपति शी जिनपिंग का न सिर्फ शक्ति एवं कार्यकाल बढ़ा, बल्कि वह माओत्से तुंग और देंग जियाओपिंग के समक्ष हो गये. महासभा में उन्होंने साढ़े तीन घंटे तक भाषण दिया और देश एवं सैनिकों का गुणगान किया. उन्हें युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा. ऐसा लग रहा […]
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं महासभा में राष्ट्रपति शी जिनपिंग का न सिर्फ शक्ति एवं कार्यकाल बढ़ा, बल्कि वह माओत्से तुंग और देंग जियाओपिंग के समक्ष हो गये. महासभा में उन्होंने साढ़े तीन घंटे तक भाषण दिया और देश एवं सैनिकों का गुणगान किया. उन्हें युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा.
ऐसा लग रहा था, मानो वह 20वीं सदी के विश्वयुद्धों के समय के शासक हों, जबकि हम शांति के दौर में आ चुके हैं. ऐसे समय युद्ध, खेमेबाजी एवं साम्यवाद की बात करना ठीक नहीं है. यह समय भुखमरी एवं बीमारी से लड़ने तथा पूरे विश्व को मिलकर पूर्व की गलतियों को सुधारने का है. चीनी नेता के विचार बेशक उनका अंदरूनी मामला है, मगर यह विश्व के नीतिनिर्धारकों के काम में जरूर खलल डालेगा.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से.
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