दबाव का खेल
पद्मावती की विशेष स्क्रीनिंग से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख ने फिल्म के निर्माताओं की आलोचना की है. फिल्म निर्माताओं को सेंसर बोर्ड से संबंधित नियमों का पालन करना जरूरी है. मनमाना व्यवहार कर के निर्माता क्या साबित करना चाहते हैं? अगर यह विशेष स्क्रीनिंग केंद्र सरकार के लिए की जाती, तो बात को […]
पद्मावती की विशेष स्क्रीनिंग से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख ने फिल्म के निर्माताओं की आलोचना की है. फिल्म निर्माताओं को सेंसर बोर्ड से संबंधित नियमों का पालन करना जरूरी है.
मनमाना व्यवहार कर के निर्माता क्या साबित करना चाहते हैं? अगर यह विशेष स्क्रीनिंग केंद्र सरकार के लिए की जाती, तो बात को समझा जा सकता है, लेकिन ऐसा भी न करते हुए चुनिंदा लोगों के लिए स्क्रीनिंग करना बिल्कुल ही गलत है. इन्हीं कारणों से फिल्म और भी विवादों में घिर रही है और दूसरी तरफ निर्माता की सीमित सोच भी सामने आ रही है.
विशेष स्क्रीनिंग में फिल्म देखने के बाद शामिल लोगों ने पद्मावती के समर्थन में विचार व्यक्त किये हैं. मतलब इस फिल्म के समर्थन में विचार फैलाने के लिए ऐसी स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था, ऐसा विचार आना संभव है. फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिलने के लिए दबाव बनाये जाने की सेंसर बोर्ड प्रमुख की बात यहां सच साबित होती दिख रही है.
अमित पडियार, इमेल से