वाहन पार्किगवालों की दादागीरी

रांची में वाहन पार्किग की बड़ी समस्या है. अपने वाहन के लिए कुछ पल के चैन का ठिकाना सभी ढूंढ़ते हैं. तब याद आती है पार्किग स्थलों की. यूं तो ऐसे स्थल शहर में गिनती के हैं और उनकी फीस भी इतनी ज्यादा है कि रोज अगर वहां वाहन लगाना पड़े, तो लोग पैदल चलना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2014 4:07 AM

रांची में वाहन पार्किग की बड़ी समस्या है. अपने वाहन के लिए कुछ पल के चैन का ठिकाना सभी ढूंढ़ते हैं. तब याद आती है पार्किग स्थलों की. यूं तो ऐसे स्थल शहर में गिनती के हैं और उनकी फीस भी इतनी ज्यादा है कि रोज अगर वहां वाहन लगाना पड़े, तो लोग पैदल चलना पसंद करने लगेंगे. खैर, शुल्क के अनुसार पार्किग स्थल के संचालक वाहनों को सुरक्षा देते तो अच्छा होता.

लेकिन सुरक्षा तो दूर, यहां वाहनों का पेट्रोल निकाल लिया जा रहा है. इसका मैं खुद भुक्तभोगी हूं. दरअसल रांची रेलवे स्टेशन के दोपहिया पार्किग स्थल पर पिछले दिनों मैं अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर दो दिनों के लिए धनबाद गया था. लौटने पर मेरे वाहन का फ्यूल मीटर बता रहा था कि पेट्रोल खत्म है, जबकि मैंने वाहन मेन में लगाया था. पार्किग स्थल के एजेंटों से पूछने पर वे झड़प पर उतारू हो गये. क्या रेलवे अधिकारी बतायेंगे कि इसमें गलती किसकी है?

बच्चू साह, पंडरा, रांची

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