येरूशलम को ट्रंप की मान्यता
लोग उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को सनकी कहते हैं. मगर, आज सबसे बड़ा सनकी है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. अपने देश के 70 साल पुरानी नीति को पलटते हुए येरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में स्वीकारोक्ति दे दी है. विश्व जनमत के विरुद्ध जाकर उसने यह कदम उठाया है. यह […]
लोग उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को सनकी कहते हैं. मगर, आज सबसे बड़ा सनकी है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. अपने देश के 70 साल पुरानी नीति को पलटते हुए येरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में स्वीकारोक्ति दे दी है. विश्व जनमत के विरुद्ध जाकर उसने यह कदम उठाया है.
यह विश्व शांति के लिए एक खतरा तो है ही, फिलिस्तीनियों के साथ सोची समझी गद्दारी भी है. आज अगर विश्व में इस्लामिक चरमपंथ का जन्म हुआ है, तो उसके लिए सिर्फ इस्राइल की विस्तारवादी नीतियां जवाबदेह रही है.
इस्राइल ने फिलिस्तीनियों के घर में प्रवेश करके जबरन उन्हें घर से निकाल दिया. उसके भूभाग में कब्ज़ा कर लिया. सिर्फ और सिर्फ अमेरिका के कारण, इस्राइल, राष्ट्रसंघ में, पिछले सात दशकों से फिलिस्तीनियों के जायज मांगों को खारिज करवाने में सफल रहा है. राष्ट्रसंघ भी वीटो पावर के कारण न्याय दिलाने में असफल रहा है.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी