महिला सशक्तीकरण के बहाने

हमारे देश में महिला सशक्तीकरण के अंतर्गत महिलाओं से जुड़े सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और कानूनी मुद्दों पर सामान्य रूप से संवेदनशीलता और सरोकार व्यक्त किया जाता है. सशक्तीकरण की प्रक्रि या में समाज को पारंपरिक पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण के प्रति जागरूक किया जाता है, जिसने महिलाओं की स्थिति को सदैव कमतर माना है. वैश्विक स्तर पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2014 4:21 AM

हमारे देश में महिला सशक्तीकरण के अंतर्गत महिलाओं से जुड़े सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और कानूनी मुद्दों पर सामान्य रूप से संवेदनशीलता और सरोकार व्यक्त किया जाता है. सशक्तीकरण की प्रक्रि या में समाज को पारंपरिक पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण के प्रति जागरूक किया जाता है, जिसने महिलाओं की स्थिति को सदैव कमतर माना है.

वैश्विक स्तर पर नारीवादी आंदोलनों और यूएनडीपी आदि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने महिलाओं के सामाजिक समता, स्वतंत्रता और न्याय के राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. महिला सशक्तीकरण, भौतिक या आध्यात्मिक, शारीरिक या मानसिक, सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रि या है. लेकिन हकीकत यह है कि इस पर केवल बातें होती हैं, अमल नहीं.

सौरभ कुमार, गोमो

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