पिछले दिनों सचिन तेंडुलकर ने अपने जन्मदिन पर मतदान किया. इस विषय पर पाठक मत में आनंद कानू जी ने इसे प्रेरणादायी बता दिया, जो मुङो हास्यपद लगा. कोई भी सेलिब्रिटी मतदान करने जाये और इत्तेफाकन उस दिन उसका जन्मदिन हो तो यह प्रेरणादायी कैसे हुआ? अपने लिए पैसा और रिकॉर्ड बनाने के सिवाय सचिन ने देश को क्या दिया है? कई मौकों पर उन्होंने टीम की जीत से ज्यादा अपने रिकॉर्ड को महत्व दिया.
अगर वे महान हैं तो भारत रत्न के बाद मिलनेवाली सुविधाओं का खर्च खुद वहन करें, ताकि सरकार का बोझ न बढ़े. यह कैसी विडंबना है कि जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, उन भगत सिंह को आज तक शहीद का दर्जा नहीं मिला, वहीं दूसरी तरफ जिसने पैसों के लिए खेला, उसे भारत रत्न दिया जाता है, भगवान बना दिया जाता है.
आशीष विश्वकर्मा, जमशेदपुर