शिक्षक नियुक्ति में भेदभाव क्यों
माननीय शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग से जुड़े तमाम व्यक्तियों से बस एक ही प्रश्न है कि राजनीतिशास्त्र के विद्यार्थियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों? प्लस टू शिक्षक नियुक्ति में राजनीतिशास्त्र विषय को इस बार भी स्थान नहीं दिया गया है. यह राजनीतिशास्त्र के विद्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं तो और क्या है? सरकार यदि […]
माननीय शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग से जुड़े तमाम व्यक्तियों से बस एक ही प्रश्न है कि राजनीतिशास्त्र के विद्यार्थियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों? प्लस टू शिक्षक नियुक्ति में राजनीतिशास्त्र विषय को इस बार भी स्थान नहीं दिया गया है. यह राजनीतिशास्त्र के विद्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं तो और क्या है?
सरकार यदि इस विषय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करना चाहती है, तो उसे इस विषय की पढ़ाई भी बंद कर देना चाहिए. इससे कम-से-कम इतनी निराशा तो न होगी, जो अब हो रही है. सरकार पुनः इस विषय पर विचार करे, ताकि हम जैसे विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय न हो. साथ ही एक ऐसा निर्णय ले, जो राजनीतिशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए भी मान्य हो तथा उन्हें भी अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर मिल सके.
अनिमा मंडल, इमेल से