भारतीय शादी में उड़ता ड्रोन

आलोक पुराणिक व्यंग्यकार शादी के फंक्शन में था, सिर के ऊपर एक मिनी हवाई जहाज सा कुछ मंडरा रहा था. थोड़ी देर में पता चला कि वह कोई ड्रोन है. ड्रोन मानवरहित वह उड़ाऊ आइटम है, जिसका इस्तेमाल ऊपर से हमले से लेकर फोटो खींचने तक में किया जा सकता है. वैसे तो अधिकांश भारतीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2018 5:39 AM
आलोक पुराणिक
व्यंग्यकार
शादी के फंक्शन में था, सिर के ऊपर एक मिनी हवाई जहाज सा कुछ मंडरा रहा था. थोड़ी देर में पता चला कि वह कोई ड्रोन है.
ड्रोन मानवरहित वह उड़ाऊ आइटम है, जिसका इस्तेमाल ऊपर से हमले से लेकर फोटो खींचने तक में किया जा सकता है. वैसे तो अधिकांश भारतीय शादियां एक तरह से हमला ही होती हैं.
लड़के का बाप लड़की के बाप की जेब पर हमला बोलने के चक्कर में रहता है. दोनों तरफ के रिश्तेदार इस जुमले के साथ एक-दूसरे पर हमला बोलने को तैयार रहते हैं- इससे बेहतर शादी तो हमने की थी. हमारे यहां शादी में तो हमने कैटरीना कैफ की ड्यूटी लगा दी थी सबको पानी पिलाने के लिए. यहां क्या खाक व्यवस्था है. हमने तो 567 तरीके के पनीर पकवाये थे.
संविधान में एक अलिखित व्यवस्था है कि शादी-ब्याह के मौकों पर बंदा झूठ बोले, तो हास्य कविता समझकर हंसना चाहिए और ताली बजानी चाहिए. उसे रोकना नहीं चाहिए.
मैंने भी नहीं रोका, जब एक मेजबान ने बताया कि ये उड़ रहे ड्रोन सबकी फोटो ले रहे हैं. ये ठीक वही ड्रोन हैं, जिनसे अमेरिका पाक पर अटैक करता है. लेकिन, भाई ये ऊपर से फोटो क्यों लेना- आमने सामने से भी फोटो ठीक ही आ जाती हैं.
मेजबान ने बताया कि आदमी 2 सब्जी और 5 रोटी में पेट भर लेता है, फिर ये 78 काउंटर चाट-पकौड़ी, मिठाई वगैरह के क्यों लगाये जाते हैं. इस सवाल का जवाब मुझे पता है.
दरअसल, लगभग हर भारतीय शादी में जिस फिल्म की शूटिंग होती है, उस फिल्म का नाम होता है- जमाने को दिखाना है.जमाने को दिखाना है कि ड्रोन आये थे हमारी शादी में. औसत भारतीय शादी दो दिलों का मिलन नहीं, एक बहुत बड़ा प्रदर्शनी-स्थल होती है. ये भी देखो, वो भी देखो. 765 तरीके की चाट देखो. 876 प्रकार की मिठाई देखो. विकट चतुर्दिक खाऊ माहौल, जो सब न खा पाये, वह खुद को असहाय सा फील करे. जो सब न खा पाये, वह खुद को असहाय सा फील करे. यह बात तो किसी भी भ्रष्ट सरकारी दफ्तर के बारे में भी कही जा सकती है. विकट दिखाऊ शादी और भ्रष्टाचार का गहरा रिश्ता है.
अपने शहर के एक अंगूठा छाप अमीर से मैंने मजाक में कहा- क्या आम सा बम फोड़ने शादी में. आप तो एटम बम फोड़िये अपने परिवार की शादी में.
वह बोला- दिलाइये फोड़ देंगे, जमाने को दिखाना है. मैंने कहा- पाक चलना पड़ेगा. चोरी के एटम बम वहीं मिलते हैं.इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, यानी इसरो अपनी कमाई बढ़ाने के उपाय तलाश रहा है. उसे यूं करना चाहिए कि मंगलयान से शादी की फोटो खींचने की सर्विस शुरू करनी चाहिए. सचमुच, बहुत हिट होगी- जमाने को दिखाना है.

Next Article

Exit mobile version