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ऑनलाइन सेवाओं की सुरक्षा
पैसा जमा करना-निकालना, केवाइसी, पता बदलवाना, फोन नंबर बदलवाना जैसी जो भी मुफ्त सेवाएं बैंक देते हैं, उन पर शुल्क वसूलने की तैयारी शुरू है. उपभोक्ताओं से शुल्क वसूलने के लिए जुटने के बजाय, जिन्होंने बैंकों को कर्ज चुकता न करते हुए बैंको को फंसाया है, उन पर शिकंजा कसने के लिए पूरी कोशिश होनी […]
पैसा जमा करना-निकालना, केवाइसी, पता बदलवाना, फोन नंबर बदलवाना जैसी जो भी मुफ्त सेवाएं बैंक देते हैं, उन पर शुल्क वसूलने की तैयारी शुरू है.
उपभोक्ताओं से शुल्क वसूलने के लिए जुटने के बजाय, जिन्होंने बैंकों को कर्ज चुकता न करते हुए बैंको को फंसाया है, उन पर शिकंजा कसने के लिए पूरी कोशिश होनी चाहिए. बैंकों का कर्ज डूबाकर भाग जाने वालों से ही बैंकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसका असर बैंक की अर्थव्यवस्था पर होता है.
इन कर्जदारों से डूबे पैसे वसूलने के लिए बैंक मुफ्त सेवाओं पर शुल्क वसूलने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसा कहा जा सकता है. ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जाना जायज नहीं लगता. इस तरह की बैंकिंग कितनी सुरक्षित है? इससे नुकसान होने के बाद उसकी जिम्मेदारी तय करने में बहुत तू-तू मैं-मैं होती है.
जयेश राणे, ईमेल.
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