श्रम शक्ति की जय हो

मजदूर दिवस चुपके से आया और बीत भी गया. यह दिवस उन श्रमिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है जो जिंदगी की जद्दोजहद से जूझते हुए रोजी-रोटी की तलाश में श्रम की पूजा में लीन हैं. जो सड़कें बनाते हैं, जो रिक्शा चलाते हैं, फल-सब्जियां बेचते हैं, कारखानों में काम करते हैं, ऊंची अट्टालिकाओं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2014 4:16 AM

मजदूर दिवस चुपके से आया और बीत भी गया. यह दिवस उन श्रमिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है जो जिंदगी की जद्दोजहद से जूझते हुए रोजी-रोटी की तलाश में श्रम की पूजा में लीन हैं. जो सड़कें बनाते हैं, जो रिक्शा चलाते हैं, फल-सब्जियां बेचते हैं, कारखानों में काम करते हैं, ऊंची अट्टालिकाओं की नींव में अपने सपनों को दफन कर दूसरों का बसेरा बसाते हैं.

जो चिलचिलाती धूप में घंटों पसीना बहा कर पुल, बांध, रास्ते बनाते हैं, भले ही उन पर चलनेवाले उन्हें ठोकरें मार निकल जायें. उनके श्रम की उपेक्षा करनेवालो! उनके लिए इनसानियत का एक पुल बना कर देखो, स्नेह व संवेदना की एक कोमल दृष्टि उन्हें देकर देखो, उनकी दुआएं आपके सपनों की सौगात बनेंगी. बड़ी कंपनियों की शिफ्टों में और स्वरोजगार में थकने तक काम करनेवाले श्रमिक देश की विकास गाथा रचते हैं.

पद्मा मिश्र, जमशेदपुर

Next Article

Exit mobile version