बच्चों की सोचें

दिन प्रतिदिन छात्रों द्वारा दोपहिया वाहनों स्कूटी बाइक का उपयोग बढ़ता जा रहा है. खासकर 10वीं व 12वीं के छात्रों में स्कूटी व बाइक चलाने का प्रचलन बढ़ा है. स्कूल जाने समय या छुट्टी के समय इन्हें देखा जा सकता है. पुलिस अपनी ओर से इसे रोकने की हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2018 2:51 AM

दिन प्रतिदिन छात्रों द्वारा दोपहिया वाहनों स्कूटी बाइक का उपयोग बढ़ता जा रहा है. खासकर 10वीं व 12वीं के छात्रों में स्कूटी व बाइक चलाने का प्रचलन बढ़ा है. स्कूल जाने समय या छुट्टी के समय इन्हें देखा जा सकता है.

पुलिस अपनी ओर से इसे रोकने की हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन अभिभावकों के प्रयास में कमी दिखती है. अगर अभिभावक दो पहिया वाहन नहीं उपलब्ध करायेंगे, तो ऐसी स्थिति नहीं होगी. जब भी कोई दुर्घटना हो जाती है तब हम इसे एक बड़ा मुद्दा बताते हैं और अपनी चिंता जाहिर करते हैं.

और फिर कुछ दिनों बाद भूल जाते हैं. यानी परिणाम वहीं का वहीं. इसलिए मेरा अनुरोध वरिष्ठ व ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ उन अभिभावकों से भी है कि वे इस दिशा में कड़े कदम उठाएं जिससे कि कुछ प्रतिभावान बच्चों के जीवन को बचाया जा सके.

आशीष कुमार, इमेल से

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